पंजशीर घाटी बनी जंग का मैदान, तालिबान का अहमद मसूद के ठिकानों पर भीषण वार

काबुल तालिबान आतंकियों ने एक बार फिर से विद्रोहियों के गढ़ पंजशीर घाटी पर भीषण हमला बोला है। बताया जा रहा है कि पंजशीर घाटी के अंतर्गत आने वाले परवान प्रांत के जबल सराज जिले में तालिबानी आतंकियों ने ये हमले शुरू किए हैं। यह ताजा हमला मंगलवार रात को शुरू हुआ है और अभी भी जारी है। खबरों के मुताबिक इस हमले में दोनों ही पक्षों के कई लोग हताहत हुए हैं। अफगान मीडिया के अनुसार बघलान प्रांत के अंदराब जिलो में भी संघर्ष की खबरें आ रही हैं। तालिबान ने इस इलाके में इंटरनेट को बंद कर दिया है जिससे मरने वालों की संख्‍या की पुष्टि नहीं हो पा रही है। तालिबानी आतंकी किसी भी तरह से पंजशीर घाटी में घुसना चाहते हैं ताकि अहमद मसूद के किले पर फतह हासिल किया जा सके लेकिन उन्‍हें जोरदार पलटवार का सामना करना पड़ रहा है। नॉर्दन एलायंस के नेता अहमद मसूद को धमकी दी तालिबान ने गुलबहार इलाके में रास्‍ता भी रोक दिया है। इससे पहले अफगानिस्‍तान में विद्रोहियों के गढ़ पंजशीर घाटी को कई दिनों से घेरकर बैठे तालिबानी आतंकियों ने लगातार हार मिलने के बाद नॉर्दन एलायंस के नेता अहमद मसूद को धमकी दे डाली थी। तालिबान ने कहा है कि विद्रोहियों को अपने खून से इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। पंजशीर घाटी ही अब एकमात्र इलाका है जहां पर अभी तक तालिबान का कब्‍जा नहीं हो पाया है। पंजशीर घाटी में अहमद मसूद के सैनिकों तालिबान को धूल चटाने के लिए पूरी तैयारी कर ली है। यही नहीं इन लड़ाकुओं को ट्रेनिंग का काम लगातार जारी है। अमेरिकी सेनाओं के वापस जाने के बाद तालिबान ने अपने आक्रामक अभियान को तेज कर दिया है। पंजशीर घाटी अफगानिस्‍तान की राजधानी काबुल से 150 किमी दूर है और यहां पर एक लाख लोग रहते हैं। पंजशीर के नेता और अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद ने कहा है, 'मैं पंजशीर की घाटी से आज लिख रहा हूं और अपने पिता के नक्‍शे कदम पर चलने को तैयार हूं। मेरे साथ मुजाहिद्दीन लड़ाके हैं जो एक बार फिर से तालिबान के साथ संघर्ष के लिए तैयार हैं।'


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