केंट एक ऐसा नाम है जिससे जुड़े रहस्यों का सिलसिला खत्म होता ही नहीं है। पुरातत्वविदों को अब हिटलर का एक कुख्यात 'महाहथियार' मिला है। रिसर्च रिसोर्स आर्कियॉलजी की टीम 14 फीट गहरे और 38 फीट चौड़े क्रेटर में खुदाई कर रही थी जब उसके हाथ यह हथियार लगा। कोलिन और शॉन वेल्च नाम के दो भाई ये प्रॉजेक्ट चला रहे थे। यहां उन्हें दिखा V-1 रॉकेट का एक हिस्सा। इसमें एक कंबशन चैंबर था जिसमें लिक्विड ऑक्सिजन और ऐल्कोहॉल को मिश्रण रखा जाता होगा। अलग जगह पर मिला टीम पहले भी इस तरह की जगहों पर खोज कर चुकी है लेकिन केंट में की गई यह खोज अनोखी बताई जा रही है। कोलिन ने केंट ऑनलाइन को बताया कि ये रॉकेट धरती पर किसी ऐंगल पर दाखिल होते थे। इस खास रॉकेट के लिए यह ऐंगल 70 डिग्री का था। आमतौर पर ऐसी खोज क्रेटर के किनारे पर होती है, रॉकेट के एंट्री पॉइंट से सबसे दूर लेकिन जब हमने वहां खुदाई की तो ऐसा कुछ नहीं मिला। मिनटों में ब्रिटेन पर गिरा माना जा रहा है कि जमीन पर मौजूद ragstone चट्टान की वजह से रॉकेट इंपैक्ट पॉइंट के पास ही रहा। शॉन बताते हैं कि उनके रॉकेट बेहद तेजी से ट्रैवल करते थे। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जर्मनी ने ऐसे हजारों V2 रॉकेट लॉन्च किए जिनके हमलों में अकेले ब्रिटेन में 9 हजार लोगों की मौत हो गई थी। जिस रॉकेट की खोज पिछले हफ्ते की गई है, वह 14 फरवरी, 1944 को होलैंड से लॉन्च किया गया था और कुछ ही मिनटों में ब्रिटेन में आ गिरा। मिल सकते हैं सीक्रेट कोड इसे साफ करके संरक्षित किया जाएगा। एक्सपर्ट्स को उम्मीद है कि इस पर कुछ सीक्रेट सोर्स कोड लिखे हो सकते हैं जो आमतौर पर रॉकेट के हिस्सों पर देखने को मिलते हैं। जंग के बाद पाया गया था कि रॉकेट के हिस्से जहां बने थे, उस फैक्ट्री का पता लगाया जा सकता है। कुछ हिस्से चेकोस्लोवाकिया में बने थे तो कुछ ऑस्ट्रिया में। हर रॉकेट में पड़ने वाले ऐल्कोहॉल के लिए 30 टन आलू की जरूरत पड़ती थी और यह उत्पादन तब किया जा रहा था जब जर्मनी के लोगों के सामने खाने की कमी थी। 18 हजार लोगों को मारा हिटलर के महाहथियारों में V1 और V2 Vergeltungswaffen या जवाबी हथियार होोते थे। ये लंबी दूरी तक मारक क्षमता रखने वाले हथियार थे जिन्हें दूसरे विश्व युद्ध के दौरान बम बरसाने के लिए इस्तेमाल किया जाता था। यूरोप पर जब Allies ने कब्जा कर लिया तो इन हथियारों को फ्रांस और बेल्जियम जैसे स्थानों को निशाना बनाने के लिए किया जाने लगा। V हथियारों से कम से कम 18 हजार लोगों को मारा गया जिनमें से ज्यादातर आम नागरिक थे।
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