P. V. Sindhu 10 साल की उम्र में ही दिखा दी थी अपनी प्रतिभा, आज भी याद करते हैं यहां के लोग

इंदौर. भारत को ओलंपिक (Olympic Games Tokyo 2020) में दो पदक दिलाने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनी पी.वी. सिंधु (P. V. Sindhu) के खेल कॅरियर का नाता इंदौर से भी रहा है।

सिंधु ने 2005 में इंदौर में सरताज अकादमी द्वारा आयोजित तीसरी अखिल भारतीय राष्ट्रीय रैंकिंग नकद इनामी जूनियर बैडमिंटन स्पर्धा में अंडर-10 आयु वर्ग का खिताब उम्दा प्रदर्शन करते हुए जीता था।

 

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उस स्पर्धा के सचिव धर्मेश यशलहा ने बताया कि 18 से 21 सितंबर 2005 तक इंदौर में हुई उक्त स्पर्धा में सिंधु ने अंडर- 10 वर्ष बालिका एकल के मुकाबलों में अपने प्रतिद्वंद्वियों को शिकस्त देकर खिताबी मुकाबले में जगह बनाई थी। फाइनल में उनका सामना गुजरात की अंजलि रावत से हुआ था।

 

एकतरफा मुकाबले में सिंधु ने खिताबी मुकाबला 11-1, 11-1 से अपने नाम किया था। सिंधु ने उस दौरान अपनी प्रतिभा का अहसास आसान जीत हासिल करके करा दिया था। यहीं नहीं सिंधु ने सेमीफाइनल में इंदौर की सरताज अकादमी की 8 वर्षीय श्रियांशी परदेशी को 11-0, 11-1 से शिकस्त दी थी। हालांकि बाद में सरताज अकादमी की श्रियांशी भी 10 वर्ष बालिका में अपने श्रेष्ठ प्रदर्शन के बूते भारत की नंबर एक खिलाड़ी बनी। गौरतलब है सिंधु तब अपनी माताजी विजया के साथ इंदौर आई थी। स्पर्धा नेहरू स्टेडियम और यशवंत क्लब स्मैश हॉल में खेली गई थी। स्पर्धा का पुरस्कार वितरण भय्यू महाराज (अब स्वर्गीय) ने किया था, सरताज अकादमी संरक्षक अनिल भंडारी और सज्जन सिंह वर्मा भी मौजूद थे।



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