यह मेरा घर नहीं, किशोर दा का आशियाना है...

मनीष यादव

इंदौर. फिल्मी कलाकारों के फैन उनके लिए मंदिर बनवाते है, लेकिन शहर में एक उनके एक प्रशंसक ने फ्लैट ही उनकी यादो को समर्पित कर दिया है। नाम, डोर बेल से लेकर दीवार घड़ी, यहां तक की फर्नीचर पर भी उनके गाने और फोटो है, जो कि मशहूर गायक किशोर कुमार की याद दिलाते है। घर का हर कोना उनकी और पंचम दा की यादों को अपने में संजोए हुए है।

यह फ्लैट है खंडवा रोड पर लिंबोदी में। इसे बनाया है सीए नवीन खंडेलवाल ने। वह वर्षो से किशोर दा के फैन है। वह प्रोफेशन से सीए होने के साथ ही एक लेखक भी है। वह गाने सुनते-सुनते कब किशोर दा फैन बन पता ही नहीं चला। उनके हर गाने नवीन को याद है। वह सप्ताह में दो दिनों या फिर उनके जन्मदिन पर आते है।

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नवीन अब तक 10 किताबे लिख चुके है। सात किताबे तो दोनों पर है। एक किताबे सिर्फ जीएसटी पर है। कविताएं भी जीएसटी और सर्विस टैक्स पर लिखी हुई है। इसके अलावा ताश के पत्तों पर दोनों के बारे में किताब लिखी है। उनके लिए सीए का प्रोफेसन सिर्फ घर चलाने के लिए है। किशोर कुमार तो उनका सुकुन है। उनकी जिद है। इसके लिए काम से छुटते ही वह अपनी इस फ्लैट पर पहुंच जाते है। उनकी यादों के बीच आने वाले समय के हिसाब से काम करो

नवीन के मुताबिक किशोर दा का फैन पूरी दुनिया में है। उनकी मौत के बाद भी गाने बज रहे है। उन्होंने आने वाले वक्त के हिसाब से काम किया था। इसलिए आज की पीढ़ी भी उन्हें सुन रही है। आज के बच्चों को भी आने वाले कल के हिसाब से काम करना चाहिए। आज कोरोना के चक्कर में घर में बंद रहे है क्वारंटीन रहे है तो घबरा गए, लेकिन किशोर दा तो सालों तक अकेले रहे, लेकिन अपना काम करते रहे।

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ऐसे हुई शुरुआत
नवीन के मुताबिक वह कंचनबाग में रहते थे। लेखक होने के कारण कुछ पल शांति के चाहिए थे। इसी के चलते एक घर लेने की सोची। लिंबोदी में बिल्डर ने उन्हें फ्लैट नंबर ४०६ दिखाया। फिर उन्हें लगा कि फ्लैट को किशोर कुमार और आरडी बर्मन की यादो से सजाया जाए, इसलिए फ्लैट नंबर 405 पसंद किया, क्योंकि यह आंकड़े दोनों किशोर दा का अंक चार है और पंचम दा अंक पांच है। इसलिए यह फ्लैट लिया। इसके बाद एक जो डिजायनर मिले तो वह भी किशोर का फैन थे। इसलिए उन्होंने भी फ्लैट को इमोशनली बनाया है।

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नाम ही पंकियाना
फ्लैट का नाम ही पंकियाना रखा गया है। इसका मतलब पंचम और किशोरा का आशियाना। घर की दरवाजे पर ही उनके पोस्टर लगे हुए है। इसके बाद कॉल बेल बजाने पर फिल्म अराधना के गीत गुंजते है। हाल का गेट खुलते ही किशोर दा और पंचमा दा का मुस्कुराता हुआ फोटो स्वागत करता है। इसके बाद पीयानो बना हुआ है। जिस पर पुराने जमाने की गाजे-बाजे के साथ ही कैसेट और दूसरे समान रखे हुए है।

हाल ही में किशोर दा और पंचम दा दोनों क्यों दूसरे संगीतकारों से अलग है। इसका विवरण देखने को मिलता है। सोफे के कुशन ढोलक के रूप में है। इस पर किशोर कुमार के गीत लिखे हुए है। उलटे हाथ की ओर कीचन है, वहां पर भी दोनों की खाते हुए फोटो लगी हुई है।। दूसरे रुम में जाने पर नवीन की लिखी हुई कविताएं है। इसके साथ ही गुलजार के साथ में फोटो है। इसके पास ही के कैमरे में उनका लेखन का कमरा है। सीए सिर्फ दाल-रोटी, किशोर कुमार सुकुन है



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