पाकिस्‍तान के ढोंग की खुली पोल, मोसाद चीफ से मिलने इजरायल गए थे इमरान के सलाहकार

इस्‍लामाबाद इजरायल के रिश्‍ते नहीं रखने का मुस्लिम देशों समेत दुनियाभर में ढिंढोरा पीटने वाले पाकिस्‍तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की पोल अब खुल गई है। इजरायली मीडिया के मुताबिक पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री के विशेष सलाहकार जुल्‍फी बुखारी ने पिछले साल नवंबर महीने में इजरायल की यात्रा की थी। इस दौरान बुखारी ने इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद के चीफ से मुलाकात की थी। इमरान के सलाहकार और मोसाद चीफ के बीच मुलाकात के बारे में इजरायली अखबार हयोम ने खबर दी थी लेकिन इजरायली सेना के दबाव में पाकिस्‍तान का नाम डिलीट कर दिया गया था। हयोम ने कहा कि दोनों अधिकारियों के बीच मुलाकात ऐसे समय पर हुई थी जब अरब देश इजरायल के साथ अपने संबंधों को सामान्‍य बना रहे थे। यूएई के सबसे पहले इजरायल के साथ राजनयिक संबंध बहाल होने के बाद बहरीन, मोरक्‍को और सूडान ने भी संबंधों को अपनी स्‍वीकृति दे दी थी। पाकिस्‍तान की राजनीति में भूचाल आने के आसार तेज इस खुलासे के बाद अब पाकिस्‍तान की राजनीति में भूचाल आने के आसार तेज हो गए हैं। माना जा रहा है कि बुखारी और मोसाद चीफ के बीच मुलाकात में इजरायल को मान्‍यता देने के बारे में चर्चा हुई थी। इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने दावा किया था कि उनकी सरकार पर इजरायल को मान्यता देने का दबाव है, मगर इस्लामाबाद कभी भी 'जियोनिस्ट्स' के साथ संबंध स्थापित नहीं करेगा। इमरान खान ने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और बहरीन सहित अरब देशों के इजरायल को मान्यता देने के बाद, इस्लामाबाद को भी इजरायल को मान्यता देने के लिए कहा जा रहा है, जिसे उनकी सरकार ने फिलहाल खारिज कर दिया है। इमरान खान ने कहा है कि इजरायल को मान्यता तब तक नहीं दी जाएगी जब तक कि दशकों पुराने फिलिस्तीनी मुद्दे का निपटारा नहीं हो जाता। उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि इजरायल को मान्यता देने के बारे में उनका कोई 'दूसरा विचार' नहीं है। उन्होंने कहा, 'इजरायल को मान्यता देने के बारे में मेरे पास कोई दूसरा विचार नहीं है, जब तक कि फिलीस्तीनियों को संतुष्ट नहीं किया जाता है।' जिन्ना ने इजरायल को मान्यता देने से कर दिया था इनकार इमरान खान ने दोहराया कि पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना ने इजरायल को मान्यता देने से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा कि इस्लामाबाद जिन्ना के नक्शे कदम पर चलते हुए फिलिस्तीन को समर्थन जारी रखेगा। उन्होंने कहा कि इजरायल का अमेरिका में एक मजबूत प्रभाव है और इजरायल को मान्यता देने के लिए अन्य देश दबाव डाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि दबाव अमेरिका में इजरायल के गहरे प्रभाव के कारण है।


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