जगरेब वैश्विक विमानन उद्योग में फ्रांस तेजी से अमेरिका और रूस को टक्कर देते हुए दिखाई दे रहा है। फ्रांस के बने की मारक क्षमता को देखते हुए एक के बाद एक कई देश अपनी वायुसेना में इसे शामिल कर रहे हैं। इस कड़ी में दक्षिण-पूर्वी यूरोपीय देश क्रोएशिया का नाम भी अब जुड़ गया है। क्रोएशिया ने अपनी हवाई क्षमता को बढ़ाने के लिए फ्रांस से 12 लड़ाकू विमान खरीदने का ऐलान किया है। क्रोएशिया के सामने राफेल और इजरायल में मोडिफाई हुए एफ-16सी/डी बराक लड़ाकू विमान में से किसी एक को चुनने का विकल्प था। राफेल को पहले से ही ऑपरेट कर रहे ये देश फ्रांस के इस लड़ाकू विमान को भारत, मिस्र, कतर और ग्रीस पहले से ही ऑपरेट कर रहे हैं। ऐसे में अगर में राफेल शामिल होता है तो इससे बाल्कन देशों में उसकी हवाई क्षमता काफी बढ़ जाएगी। इतना ही नहीं, हजारों द्वीपों को मिलाकर बने इस देश की हवाई सीमा भी पूरी तरह से सुरक्षित हो जाएगी। अमेरिका के नेतृत्व वाले सैन्य संगठन नाटो का सदस्य होने के बाद भी क्रोएशिया अभी तक सोवियत संघ के जमाने का मिग-21 लड़ाकू विमान इस्तेमाल करता है। क्रोएशिया ने डील की आधिकारिक पुष्टि की क्रोएशियाई सरकार के आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट से किए गए एक ट्वीट में प्रधानमंत्री एंड्रेज प्लेंकोविक के हवाले से कहा गया है कि सीसी राफेल की पेशकश को इसलिए चुना गया क्योंकि इसने सबसे अच्छी कीमत की पेशकश की। इसी कारण क्रोएशिया को लेटेस्ट स्टेंडर्ड के साथ हाई रैंकिंग और सुसज्जित एयरक्राफ्ट राफेल एफ3आर मिला है। इस ट्वीट में यह भी बताया गया है कि इस डील के फाइनल होने से क्रोएशिया के पास यूरोप के इस हिस्से में सबसे आधुनिक विमान होंगे। क्रोएशिया के लिए गेमचेंजर साबित होगा राफेल निश्चित रूप से, राफेल क्रोएशियाई वायु सेना की क्षमताओं को बढ़ाने में गेमचेंजर साबित होगा। ये विमान कम दूरी के हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों से लैस होंगे। इससे क्रोएशिया के पास दूसरी पीढ़ी के मिग-21 विमानों की जगह चौथी पीढ़ी के लड़ाकू विमान होंगे। राफेल में लगे उन्नत रडार, बियॉन्ड विजुअल रेंज तक हमला करने की क्षमता जैसी कई ताकतवर तकनीकी इस देश की रक्षा क्षमताओं में बड़ा इजाफा करेंगे। 1.22 अरब डॉलर की लागत से खरीद रहा 12 राफेल रिपोर्ट के अनुसार, क्रोएशिया 1.22 अरब डॉलर की लागत से फ्रांस से 12 राफेल खरीदेगा। ये लड़ाकू विमान क्रोएशियाई वायु सेना में पहले से मौजूद आठ सिंगल-सीट मिग-21bisDs और चार दो-सीट MiG-21UMDs के मौजूदा बेड़े की जगह लेंगे। क्रोएशिया के मिग -21 को यूक्रेन में मामूली अपग्रेड किया गया था, जिससे ये 2024 तक ही एयरफोर्स में सर्विस दे सकते थे। हालांकि, क्रोएशियाई विमान का अपग्रेड भारतीय मिग-21 या रोमानियाई मिग-21 की तुलना में काफी मामूली है।
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