कूटनीतिक उहापोह में फंसे भारत ने आखिरकारUN में लगाई म्यामांर के सैन्य शासन को लताड़

नई दिल्लीभारत ने संयुक्त राष्ट्र में म्यांमार के सैन्य शासन को कड़ी फटकार लगाई है। वहां तख्तापलट के बाद से पहली बार बेहद कठोर शब्दों में आलोचना करते हुए भारत ने हिरासत में लिए गए नेताओं को रिहा करने और हिंसा एवं बर्बरता की कार्रवाई से बचने की हिदायत दी है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की आंतरिक बहस के दौरान यूएन में भारत के स्थाई प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने भारत का पक्ष रखा। आसियान देशों की पहल का स्वागत तिरुमूर्ति ने बाद में अपना बयान ट्वीट भी किया। इसमें उन्होंने म्यांमार में लोकतंत्र समर्थकों की हत्या पर शोक जताया और वहां लोकतंत्र की वापसी को लेकर भारत की प्रतिबद्धता का भी इजहार किया। साथ ही, उन्होंने वहां तख्तापलट के बाद पैदा हुए भयावह हालात को सुधारने की दिशा में आसियान (ASEAN) देशों प्रयासों का स्वागत किया। म्यामांर में भारत के सामने चीन की चुनौती इसमें कोई शक नहीं कि म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के प्रति भारत के रवैये में यह बड़ा बदलाव है। दरअसल, भारत, म्यामांर के सैन्य शासन से अपने ताल्लुकात बिगाड़कर चीन को मौका नहीं देना चाहता है। म्यांमार के ताजा हालात ने अंतरराष्ट्रीय कूटनीति की दृष्टि से भारत सामने ऐसी परिस्थिति पैदा कर दी है जिसमें उसे हर कदम फूंक-फूंक कर आगे बढ़ाना पड़ रहा है। यही वजह है कि भारत ने सैन्य तानाशाही की कड़ी निंदा तो की है, लेकिन अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस जैसे देशों की तरह म्यांमार पर प्रतिबंधों की धमकी नहीं दी है। चीन पिछले कुछ समय से म्यांमार में अपनी पकड़ बढ़ाने की जुगत में जुटा है। यही स्थिति तख्तापलट के बाद भी म्यांमार की सैन्य तानाशाही के खिलाफ कड़े कदम उठाने से भारत को रोक रही है। चीन को काउंटर करने के लिए ही भारत ने म्यांमार के सशस्त्र सेना दिवस में भी हिस्सा लिया। उसी दिन पूरे म्यांमार में 100 से अधिक लोकतंत्र समर्थकों की हत्या कर दी गई। हालांकि, भारत ने यूएन में साफ-साफ नहीं कहा कि म्यांमार में हिंसा कौन कर रहा है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव का कड़ा रुख पिछले हफ्ते, संयुक्त राष्ट्र महासचिव जनरल अंटोनियो गुतारेस (Antonio Guterres) ने म्यांमार में बच्चों और नौजवानों समेत दर्जनों आम नागरिकों की हत्या के लिए सेना की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा था, "लगातार हो रही सैन्य कार्रवाई अस्वीकार्य है और इसके खिलाफ दुनियाभर के देशों से संयुक्त प्रतिक्रिया की जरूरत है। इस संकट का सामाधान बहुत जरूरी है।"


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/3fApVgk
Previous Post Next Post