ढाका बांग्लादेश की आजादी के 50 साल पूरे होने पर ढाका पहुंचे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की जमकर तारीफ की। पीएम मोदी ने स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान बांग्लादेश को पाकिस्तानी सेना के हाथों मिले जख्मों को एक बार फिर से दुनिया को बताया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना ने जो जघन्य अपराध और अत्याचार किए वो तस्वीरें विचलित करती थीं। प्रधानमंत्री ने बांग्लादेश में दिए अपने इस भाषण से एक तीर से कई शिकार किए। पीएम मोदी ने पाकिस्तानी सेना की क्रूरता की याद दिलाकर इमरान खान के उन प्रयासों पर पानी फेर दिया जिसके तहत वह पिछले कुछ महीनों से बांग्लादेश को साधने की कोशिश में लगे हुए थे। अपने भाषण के दौरान पीएम मोदी ने पाकिस्तान को अलग-थलग करने का सफल प्रयास किया। पीएम मोदी ने कहा, 'पाकिस्तान की सेना ने जो जघन्य अपराध और अत्याचार किए वो तस्वीरें विचलित करती थीं, कई-कई दिन तक सोने नहीं देती थीं। गोबिंदो हालदर जी ने कहा था-जिन्होंने अपने रक्त के सागर से बांग्लादेश को आज़ादी दिलाई, हम उन्हें भूलेंगे नहीं। हम उन्हें भूलेंगे नहीं।' 'भारतीयों के लिए आशा की किरण थे बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान' भारतीय प्रधानमंत्री ने कहा, 'एक निरंकुश सरकार (पाकिस्तान) अपने ही नागरिकों का जनसंहार कर रही थी। उनकी भाषा, उनकी आवाज़, उनकी पहचान को कुचल रही थी। ऑपरेशन सर्च लाइट की उस क्रूरता, दमन और अत्याचार के बारे में विश्व में उतनी चर्चा नहीं हुई है, जितनी उसकी चर्चा होनी चाहिए थी। इन सबके बीच यहां के लोगों और हम भारतीयों के लिए आशा की किरण थे - बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान। बंगबंधु के हौसले ने, उनके नेतृत्व ने ये तय कर दिया था कि कोई भी ताकत बांग्लादेश को ग़ुलाम नहीं रख सकती है।' प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जिन लोगों को बांग्लादेश के निर्माण पर ऐतराज था, जिन लोगों को बांग्लादेश के अस्तित्व पर आशंका थी, उन्हें बांग्लादेश ने गलत साबित किया है। शेख हसीना जी के नेतृत्व में बांग्लादेश दुनिया में अपना दमखम दिखा रहा है। उन्होंने बांग्लादेशी जनता को साधने के लिए वहां के छात्रों को स्कॉलरशिप देने की भी घोषणा की। साथ ही बांग्लादेश के 50 उद्यमियों को भारत आमंत्रित किया। पीएम मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई और विकास की राह में बांग्लादेश और भारत को सच्चा साझीदार बताया। पीएम मोदी ने कहा, 'हमारे पास गंवाने के लिए समय नहीं है, हमें बदलाव के लिए आगे बढ़ना ही होगा। अपने करोड़ों लोगों के लिए, उनके भविष्य के लिए, गरीबी के खिलाफ हमारे युद्ध के लिए, आतंक के खिलाफ लड़ाई के लिए, हमारे लक्ष्य एक हैं, इसलिए हमारे प्रयास भी इसी तरह एकजुट होने चाहिए।' पाकिस्तान और चीन की चाल को किया 'नाकाम' प्रधानमंत्री मोदी ने अपने इस दौरे से पाकिस्तान और चीन की उन नापाक कोशिशों पर पानी फेर दिया जिसके तहत वे भारत को घेरने के लिए बांग्लादेश को अपने पाले में लाना चाहते थे। चीन जहां बांग्लादेश को बड़ा बाजार और हथियार मुहैया करा रहा है, वहीं पाकिस्तान भी ड्रैगन के सहारे बांग्लादेश को साधने में जुटा हुआ है। पिछले दिनों इमरान खान ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीन को फोन किया था। हालांकि पाकिस्तान की दाल गली नहीं। बांग्लादेश ने साल 1971 में किए गए नरसंहार के लिए पाकिस्तान से मांग की है। बताया जाता है कि 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान पाकिस्तानी सेना ने लगभग 30 लाख निर्दोष बांग्लादेशियों की हत्या कर दी थी। याहया खान की सेना ने 20000 से ज्यादा महिलाओं का शोषण किया। उन्होंने कहा, पाकिस्तानी सेना ने 25 मार्च को जघन्य ऑपरेशन सर्चलाइट शुरू किया जो 1971 के नरसंहार की शुरुआत थी। बुद्धिजीवियों की नृशंस तरीके से हत्या की गई। दक्षिण एशिया में भारत निभाए प्रमुख भूमिका: शेख हसीना बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने शुक्रवार को भारत से अपील की कि दक्षिण एशिया में राजनीतिक स्थिरता कायम करने और आर्थिक विकास के लिए वह प्रमुख भूमिका निभाए। हसीना ने कहा, ‘हम पीएम मोदी की पड़ोसी प्रथम की नीति की प्रशंसा करते हैं लेकिन भारत को स्थिर और राजनीतिक-आर्थिक रूप से गतिशील दक्षिण एशिया के निर्माण में प्रमुख भूमिका निभाने की जरूरत है।’ शेख हसीना ने कहा कि ढाका-नयी दिल्ली के रिश्ते ‘नई ऊंचाइयों’ पर पहुंच जाएंगे। उन्होंने 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में भारत के समर्थन का जिक्र किया और कहा, ‘बांग्लादेश के जन्म से भारत अभिन्न रूप से जुड़ा हुआ है।’ राष्ट्रपति अब्दुल हामिद ने बांग्लादेश सहित पड़ोसी देशों में कोविड-19 की रोकथाम के लिए टीका भेजने पर उन्होंने भारत की प्रशंसा की और कहा कि यह कदम ‘उस नीति को प्रदर्शित करता है।’
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