काहिरा मिस्र की स्वेज नहर में फंसे मालवाहक जहाज एवर गिवेन के निकलने के आसार दूर-दूर तक दिखाई नहीं दे रहे हैं। पिछले 5 दिनों से फंसे इस विशालकाय जहाज को निकालने के लिए अमेरिकी नौसेना भी मदद के लिए पहुंच गई है। इस बीच अधिकारियों ने जांच रिपोर्ट के हवाले से कहा है कि जहाज के फंसने के पीछे हवा और खराब मौसम नहीं बल्कि मानवीय या तकनीकी गड़बड़ी जिम्मेदार है। यह जांच रिपोर्ट ऐसे समय पर आई है जब इस जहाज को चला रहा 25 सदस्यीय भारतीय चालक दल सोशल मीडिया में सवालों के घेरे में है। मिस्र के स्वेज नहर प्राधिकरण के मुख्य अधिकारी ओसामा रबिए ने कहा कि जहाज को निकालने के प्रयास किए जा रहे हैं। हालांकि यह संकट कब खत्म होगा, वह इसे बताने की स्थिति में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि समुद्री लहरें और तेज हवाओं की वजह से जहाज को निकालने में बाधा आ रही है। ओसामा ने बताया कि जहाज के आसपास से रेत को निकालने के प्रयास किए जा रहे हैं ताकि बिना सामान को उतारे ही इस जहाज को निकाला जा सके। 321 जहाज स्वेज नहर के दोनों किनारों पर जमा ओसामा ने इस बात की भी पुष्टि की कि एवर गिवेन मालवाहक जहाज के दुनिया के व्यस्ततम समुद्री मार्ग में फंसने के पीछे तेज हवा और मौसम मुख्य वजह नहीं है। उन्होंने जांच रिपोर्ट के हवाले से कहा कि 'तकनीकी या मानवीय गलती' की वजह से यह दुर्घटना हुई है। इससे पहले एवर गिवेन को चला रही कंपनी ने कहा था कि तेज हवा और खराब मौसम की वजह से यह जहाज फंसा है। 1300 फुट लंबे कंटेनर शिप एवर गिवेन के फंसने से करीब 321 जहाज स्वेज नहर के दोनों किनारों पर जमा हो गए हैं। कई जहाजों पर तो पशु लदे हैं और उन्हें अगर तय समय पर नहीं निकाला गया तो उनकी मौत हो सकती है। वहीं अधिकारियों ने पोत को हटाने और अहम वैश्विक जलमार्ग को खोलने के लिए कई और कोशिशें करनी की योजना बनाई है। एशिया और यूरोप के बीच माल लेकर जाने वाला, पनामा के ध्वज वाला ‘द एवर गिवन’ जहाज स्वेज़ शहर के समीप मंगलवार को नहर में फंस गया था, जिससे यातायात बाधित हो गया। यह जलमार्ग वैश्विक परिवहन के लिए अहम है। ‘एवर गिवन’ की तकनीकी प्रबंधक बर्नहार्ड शुल्त शिपमैनमेंट ने कहा कि शुक्रवार को नहर का रास्ता खुलवाने के प्रयास विफल रहे। नहर से दुनिया का करीब 10 प्रतिशत व्यापार शिपमैनमेंट ने कहा कि पोत के अंदर से पानी बाहर निकालने तथा और नौकाओं को बुलाकर पोत को हटना की कोशिशें की जा रही हैं। स्वेज़ नहर प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया कि जब समुद्री लहरें (हाई टाइड) कम हो जाएंगी तो उसकी योजना शनिवार को दो प्रयास करने की हैं। बहरहाल, मिस्र के अधिकारियों ने स्थल पर मीडिया को प्रतिबंधित कर दिया है। शोइ किसेन कंपनी ने शनिवार को एक बयान में कहा कि वे पोत पर से कंटेनर हटाने पर विचार कर रहे हैं ताकि जहाज़ हल्का हो सके लेकिन यह मुश्किल अभियान होगा। वहीं वाइट हाउस ने नहर खोलने के लिए मिस्र को मदद की पेशकश की है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने शुक्रवार को पत्रकारों से कहा, 'हमारे पास ऐसे उपकरण और क्षमताएं हैं जो अधिकतर देशों के पास नहीं हैं और हम देख रहे हैं कि हम क्या मदद कर सकते हैं और क्या मदद की जा सकती है।' इस नहर से करीब 10 प्रतिशत व्यापार होता है। यह जलमार्ग तेल ले जाने के लिए अहम है। इसके जरिए मध्य एशिया से तेल और गैस की आपूर्ति यूरोप में की जाती है जो इसके बंद होने से प्रभावित हो सकती है।
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