किसानों के आंदोलन पर बोला अमेरिका, शांतिपूर्ण प्रदर्शन का अधिकार लेकिन निजी निवेश भी जरूरी

वॉशिंगटन भारत में किसानों के प्रदर्शन पर अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने अपनी सधी हुई प्रतिक्रिया दी है। अमेरिका ने कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन किसी भी लोक‍तंत्र के लिए एक प्रमाण होता है और भारत के सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे माना है। अमेरिका ने कहा कि हम मतभेदों को सुलझाने के लिए विभिन्‍न पक्षों में बातचीत का समर्थन करते हैं। साथ ही भारतीय बाजारों की कार्यकुशलता का सुधारने और निजी सेक्‍टर के निवेश का स्‍वागत करते हैं। अमेरिका ने कहा कि सामान्‍य तौर पर अमेरिका भारतीय बाजारों की कार्यकुशलता को सुधारने तथा बड़े पैमाने पर निजी सेक्‍टर के निवेश को आकर्षित करने के लिए उठाए गए कदमों का स्‍वागत करता है। हम मानते हैं कि लोगों तक इंटरनेट समेत सूचनाओं की निर्बाध पहुंच अभिव्‍यक्ति की आजादी के लिए मूल अधिकार है। यह एक सफल लोकतंत्र के लिए जरूरी प्रमाण है। अमेरिका का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब भारत में नए कृषि कानूनों को लेकर बड़े पैमाने पर किसानों का प्रदर्शन चल रहा है। पिछले दिनों किसानों के प्रदर्शन के दौरान राजधानी दिल्‍ली में जमकर हिंसा हुई थी। किसानों के प्रदर्शन के समर्थन में दुनिया की पॉप स्‍टार रिहाना, ग्रेटा थनबर्ग के आने के बाद भारत के नामचीन लोगों ने भी करारा जवाब दिया है। भारत ने पॉप गायिका रिहाना और पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग जैसी वैश्विक हस्तियों द्वारा किसान आंदोलन का समर्थन किए जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। बॉलीवुड के कई अभिनेताओं, किक्रेटरों और केंद्रीय मंत्रियों ने सरकार के रुख का समर्थन किया है। पूर्व क्रिकेटर , अनिल कुंबले और रवि शास्त्री ने 'इंडिया टूगेदर' (भारत एकजुट है) और 'इंडिया अगेंस्ट प्रोपगेंडा" (भारत दुष्प्रचार के खिलाफ है) हैशटैग के साथ ट्वीट किए हैं। इसके बाद थरूर ने यह टिप्पणी की है। पूर्व विदेश राज्य मंत्री ने कहा, 'कानून वापस लीजिए और समाधान पर किसानों के साथ चर्चा कीजिए तथा आप इंडिया टूगेदर पाएंगे।


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