क्या होती है टूलकिट? किसान आंदोलन पर ग्रेटा थनबर्ग के ट्वीट के बाद क्यों उठा तूफान?

जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संरक्षण पर दुनियाभर में अपने तीखे तेवरों के लिए मशहूर ऐक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने एक ट्वीट किया। भारत में चल रहे किसान आंदोलन को समर्थन देते हुए उन्होंने एक 'टूलकिट' शेयर की जिसपर अब बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल, ग्रेटा ने इसे बाद में डिलीट किया तो सोशल मीडिया पर इसके स्क्रीनशॉट्स के जरिए दावा किया गया कि इसमें भारत को बदनाम करने की साजिश की पोल खुल रही थी। दिल्ली पुलिस ने इस दस्तावेज को बनाने वालों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली। बाद में ग्रेटा ने अपडेटेड 'टूलकिट' शेयर की लेकिन यह जानना जरूरी है कि आखिर यह 'टूलकिट' है क्या....

Greta Thunberg Toolkit: Climate Change Activist ग्रेटा थनबर्ग ने एक Toolkit शेयर की जिसमें बताया गया था कि किसान आंदोलन में कैसे शामिल हुआ जा सकता है।


Toolkit Explained: क्या होती है टूलकिट? किसान आंदोलन पर ग्रेटा थनबर्ग के ट्वीट के बाद क्यों उठा तूफान?

जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संरक्षण पर दुनियाभर में अपने तीखे तेवरों के लिए मशहूर ऐक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने एक ट्वीट किया। भारत में चल रहे किसान आंदोलन को समर्थन देते हुए उन्होंने एक 'टूलकिट' शेयर की जिसपर अब बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल, ग्रेटा ने इसे बाद में डिलीट किया तो सोशल मीडिया पर इसके स्क्रीनशॉट्स के जरिए दावा किया गया कि इसमें भारत को बदनाम करने की साजिश की पोल खुल रही थी। दिल्ली पुलिस ने इस दस्तावेज को बनाने वालों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली। बाद में ग्रेटा ने अपडेटेड 'टूलकिट' शेयर की लेकिन यह जानना जरूरी है कि आखिर यह 'टूलकिट' है क्या....



क्या होती है टूलकिट?
क्या होती है टूलकिट?

टूलकिट एक दस्तावेज होता है। किसी मुद्दे की जानकारी देने के लिए और उससे जुड़े कदम उठाने के लिए इसमें विस्तृत सुझाव होते हैं। आमतौर पर किसी बड़े अभियान या आंदोलन के दौरान उसमें हिस्सा लेने वाले वॉलंटिअर्स को इसमें दिशा-निर्देश दिए जाते हैं। इसका मकसद खास वर्ग या टार्गेट ऑडियंस को जमीन पर काम करने के लिए दिशा दिखाना होता है। जो लोग किसी मुद्दे के बारे में जानना चाहते हैं या उसका हिस्सा बनना चाहते हैं, उन्हें टूलकिट से मदद दी जाती है। इससे ऑनलाइन या ऑफलाइन किसी अभियान से जुड़े कदम एक साथ और एक ही दिशा में उठाने में मदद मिलती है।



आवाज उठाने की अपील
आवाज उठाने की अपील

ग्रेटा ने जो टूलकिट शेयर की थी उसमें दुनियाभर के लोगों से विरोध प्रदर्शन में शामिल होने और किसानों का समर्थन करने की अपील की गई थी। उन्होंने लोगों से सोशल मीडिया पर फोटो या वीडियो शेयर कर #FarmersProtest या #StandWithFarmers पोस्ट करने को कहा। इसमें लोगों से जानकारी जुटाकर सरकार से कृषि कानूनों पर सवाल करते हुए वीडियो शेयर करने को भी कहा गया। इसमें सुझाव दिया गया कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, राज्यों के मुख्यमंत्री के साथ-साथ इंटरनैशनल मॉनिटरी फंड, वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन, संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन और वर्ल्ड बैंक को टैग करने को भी कहा गया।



जमीन पर उतरने की अपील
जमीन पर उतरने की अपील

इसके अलावा ग्रेटा ने भारत में लोगों से किसान मार्च या परेड में शामिल होने की अपील भी की। भारत के बाहर रह रहे लोगों से भारतीय दूतावासों, सरकारी दफ्तरों और मीडिया हाउस के बाहर विरोध दर्ज करने की अपील की। उन्होंने लोगों से अपील की कि अपने स्थानीय प्रतिनिधियों से सवाल करके उन्हें अपने ड्यूटी निभाने को कहें। उन्होंने कहा कि लोग हिंसा खत्म करने के लिए सरकार को याचिका दें। संयुक्त राष्ट्र, change.org को भी पेटिशन दी जाए और सांसदों से मदद मांगी जाए। इसमें यह जानना जरूरी है कि 'टूलकिट' अवैध दस्तावेज नहीं है और न ही सिर्फ इसे शेयर करने पर शिकायत की गई है। शिकायत पुराने ट्वीट में शेयर किए गए दस्तावेज पर की गई है जिसे बनाने वालों पर भारत के खिलाफ साजिश का आरोप है।



भारत को नुकसान पहुंचाने की कोशिश?
भारत को नुकसान पहुंचाने की कोशिश?

ग्रेटा ने टूलकिट शेयर की थी जिसके कवर की हेडलाइन थी, ‘Will you be part of the largest protest in human history?’ ग्रेटा ने बाद में पोस्‍ट डिलीट कर दी थी और अपडेटेड लिंक शेयर किया था लेकिन उससे पहले सोशल मीडिया पर उसके स्‍क्रीनशॉट्स वायरल होने लगे। इस बारे में भारत सरकार के सूत्रों ने दावा किया है कि भारत के हितों को नुकसान पहुंचाने के लिए इस टूलकिट को 'पीस फॉर जस्टिस' नाम की संस्‍था ने बनाया था। इस संस्‍था के सह-संस्थापकों में स्‍वयंभू खालिस्‍तान समर्थक मो धालीवाल का नाम शामिल है जो कनाडा के वैंकूवर में रहता है। पावरपॉइंट प्रजेंटेशन में भारत की 'योग और चाय की छवि को ध्‍वस्‍त करना, दूसरे में '26 जनवरी को प्रवासियों में एकजुट होकर वैश्विक व्‍यवधान डालना' और 'कृषि कानूनों को वापस लेना' शामिल था।





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