वंडर गर्ल तनिष्का को नहीं मिला बीए एलएलबी में एडमिशन

इंदौर. कम उम्र में कई कीर्तिमान अपने नाम करने वाली शहर के होनहार छात्रा तनिष्का सुजीत चीफ जस्टिस बनने के पहले पड़ाव से ही चूक गई। तनिष्का ने मात्र १३ साल की उम्र में पिछले साल ही 12वीं की परीक्षा पास की। वह आगे लॉ की पढ़ाई करना चाह रही थी, लेकिन विवि प्रबंधन ने गाइडलाइन का हवाला देते हुए बीए एलएलबी में दाखिला नहीं दिया। तनिष्का की मां ने बेटी को इसी सत्र में बीए एलएलबी कराने के लिए राजभवन और मुख्यमंत्री से भी गुहार लगाई है।

बचपन से ही होनहार रही तनिष्का ने 10 साल की उम्र में 10वीं कक्षा की परीक्षा देने की इच्छा जताई तो इसे मजाक समझा गया। उसके जुनून को देखते हुए घरवालों ने परीक्षा की अनुमति के लिए इंदौर से भोपाल तक कई चक्कर लगाए। एक साल बाद जाकर इसकी अनुमति मिल सकी। इसके बाद मात्र १३ साल की उम्र में भी प्रथम श्रेणी से 12वीं पास कर उसने नया कीर्तिमान बनाया। तनिष्का देश की सबसे कम उम्र की जज बनना चाहती है, लेकिन यह सपना तब टूट गया, जब देवी अहिल्या विवि के स्कूल ऑफ लॉ में उसे दाखिला नहीं मिल सका। मजबूरी में उसने ग्रेजुएशन के लिए स्कूल ऑफ सोशल साइंस चुना है। इसके बाद तीन साल का एलएलबी करना होगा। तनिष्का की कोशिश है, इस सत्र में उसे बीए एलएलबी में दाखिला मिले, ताकि 5 साल में ही वह डिग्री हासिल कर लें। रजिस्ट्रार अनिल शर्मा का कहना है, बीए एलएलबी की सीटें पहले चरण की काउंसलिंग में ही फुल हो चुकी थीं। साल न बिगड़े इसलिए दूसरे कोर्स में दाखिले का विकल्प दिया गया था।

55.png

 

कोरोना से हुई पिता की मौत
तनिष्का के खाते में कई उपलब्धियां दर्ज हैं। वह कत्थक में यूरोप से वल्र्ड कप जीत चुकी है। इंडिया बुक ऑफ अवॉर्ड और एशिया बुक ऑफ अवॉर्ड भी उसके नाम है और वह मालवा रत्न सम्मान भी पा चुकी है। वह आंखों पर पट्टी बांधकर पढ़-लिख सकती है। १२वीं का रिजल्ट आने से पहले तनिष्का के पिता कोरोना संक्रमित हो गए। जुलाई में उनकी मौत कोरोना से हो गई। तनिष्का फिलहाल अपनी मां अनुभा के साथ रह रही है।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/3aExmyG
Previous Post Next Post