जानवर की हड्डी पर मिला सबसे प्राचीन 'इमोजी', 1.2 लाख साल पहले ऐसी थी इंसान की भाषा

यरूशलम इजरायल के पुरातत्वविदों को दुनिया का सबसे प्राचीन 'इमोजी' मिला है। 1.2 लाख साल पुराने हड्डी के टुकड़े में पाषाण युग के शिकारियों ने यह संकेत बनाया था। प्राचीनकाल में इंसान इस तरह जानवरों की हड्डियों पर लिखे संकेतों के जरिए संचार करते होंगे जैसे आज टेक्स्ट मेसेज में आधुनिक इंसान करता है। इजरायल और फ्रांस के वैज्ञानिकों की एक रिसर्च में बताया गया है कि हड्डी के ऊपर 6 निशान बने हैं जिससे संकेत मिलते हैं कि प्राचीन युग में भी संकेतों का इस्तेमाल किया जाता था। इसे मेसेजिंग के इस तरीके का सबसे पुराना नूमना माना जा रहा है। मिले क्या संकेत? माना जा रहा है कि इस निशान का आध्यात्मिक मतलब होगा। ये हड्डियां उस विलुप्त मवेशी Auroch या urus की होंगी जो यूरोप, उत्तर अफ्रीका और एशिया में पाया जाता था। ये 17वीं शताब्दी तक यूरोप में पाए जाते रहे थे। हीब्रू यूनिवर्सिटी में पुरातत्व संस्थान के डॉ. योसी जैडनर के मुताबिक रामला के पास पेलियोलिथिक शिकारी कैंप लगाते होंगे या मिलते होंगे। इह हड्डी के 3डी अनैलेसिस में 6 अलग-अलग निशान मिले हैं जो 38 मिलीमीटर से 42 मिलीमीटर तक के हैं। कैसे बनाए गए? रिसर्चर्स को भरोसा है कि ये निशान इंसानों ने ही जानबूझकर बनाए थे। पेपर में साफ कहा गया है कि ये किसी जानवर के बनाए नहीं हो सकते हैं। ये सभी खास यू-शेप के हैं। ये काफी चौड़े और गहरे हैं जिससे संकेत मिलता है कि गलती से नहीं, बल्कि जानबूझकर बने हैं। यही नहीं, उन्होंने यह भी दावा किया है कि ये निशान किसी दायें हाथ से लिखने वाले शख्स ने एक बार में लिखा है। कोई मतलब जरूर होगा हीब्रू यूनिवर्सिटी की ही मारियॉन प्रिवॉ ने भरोसा है कि इस संकेत का कोई मतलब जरूर रहा होगा। यूं ही बनाए जाने पर इतनी डीटेल होने मुश्किल था। हालांकि, इस निशान का क्या मतलब है, यह समझा नहीं जा सका है लेकिन रिसर्चर्स ने संभावना जताई है कि इसका शिकारी और उसके शिकार के बीच आध्यात्मिक मतलब रहा होगा।


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