शास्त्रों में भगवान गणेशजी को प्रथम पूजनीय कहा गया है। हिन्दू धर्म में गणेश की पूजा बेहद शुभ मानी जाती है। कोई भी शुभ काम हो या किसी तरह की विपत्ति आन पड़ी हो तो सबसे पहले विघ्न हर्ता भगवान गणेश की पूजा की जाती है। बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित होता है। इस दिन जातक गणेश जी के मंदिर जाकर उनकी उपासना करते है। हिन्दू धर्म में गणेश की पूजा बेहद शुभ मानी जाती है।
— धर्म शास्त्र के अनुसार, गणेशजी की पूजा में किसी भी व्यक्ति को नीले और काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए। ऐसे में लाल और पीले रंग के कपड़े पहनना शुभ होता है।
— गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए मोदक का भोग लगाए। गणपति अथर्वशीर्ष में लिखा है कि जो व्यक्ति गणेश जी को मोदक का भोग लगाता है गणपति उनका मंगल करते हैं। मोदक का भोग लगाने वाले की मनोकामना पूरी होती है।
— गणपति की पूजा करते वक्त कभी तुलसी के पत्ते नहीं चढ़ाने चाहिए। मान्यता है कि तुलसी ने भगवान गणेश को लम्बोदर और गजमुख कहकर शादी का प्रस्ताव दिया था। गणेश भगवान ने नाराज होकर उन्हें श्राप दिया था।
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— ऐसी मान्यता है कि गणपति की पूजा में नई मूर्ति का इस्तेमाल करें। पुरानी मूर्ति को विसर्जित कर देंं घर में गणेश की दो मूर्तियां भी नहीं रखनी चाहिए।
— ऐसा कहा जाता है कि भगवान गणेश की मूर्ति के पास अगर अंधेरा हो तो ऐसे में उनके दर्शन नहीं करने चाहिए। अंधेरे में भगवान की मूर्ति के दर्शन करना अशुभ माना जाता है।
— कोशिश करें कि गणेश जी प्रतिमा घर पर रखें जिसमें उनकी सूंढ बायीं ओर हो। ऐसी गणेश की प्रतिमा को शुभ माना जाता है। साथ ही मान्यता यह भी है कि ऐसे गणपति जल्दी प्रसन्न होकर फल प्रदान करते हैं।
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— पूजा की विधि
सुबह स्नान करने के बाद पूजा स्थानद को शुद्ध करें और गणेश जी प्रिय चीजों का भोग लगाए। बुधवार के दिन गणेश जी को दुर्वा घास चढ़ाने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है। इस दिन गणेश मंत्र और गणेश आरती का पाठ करें। आज के दिन आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों को शिक्षण सामग्री का दान भी श्रेष्ठ फल प्रदान करता है।
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