लखनऊ उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित युवती की गैंगेरप के बाद की गई हत्या () के मामले से राजनीतिक पारा बढ़ गया है। गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ जबरन हाथरस जाने की कोशिश की पर नोएडा पुलिस ने इन सबको जबरन वापस लौटा दिया। इस दौरान राहुल गांधी और अन्य कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने पुलिस ने बदसलूकी के आरोप लगाए। इस मामले में राहुल, प्रियंका समेत 203 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। तनाव को देखते हुए हाथरस को गढ़ के रूप में तब्दील करते हुए सैकड़ों पुलिसकर्मियों की तैनाती कर दी गई है। पीड़िता के गांव को छावनी में बदल दिया गया है। विपक्षी नेताओं के दौरों को देखते हुए पूरे हाथरस में धारा 144 लागू कर दी गई है। अलीगढ़ रेज के आईजी पीयूष मोर्दिया कहते हैं कि हाथरस में कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए धारा 144 लागू की गई है। पीड़िता के गांव की तरफ जाने वाले रास्तों को सील कर दिया गया है। विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर पुलिस की गश्त बढ़ा दी गई है। इससे पहले गुरुवार रात को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी के खिलाफ ग्रेटर नोएडा के ईकोटेक वन पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज कराई गई। पुलिस ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी समेत कांग्रेस के 203 नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। एफआईआर में इन लोगों के खिलाफ कई संगीन धाराएं लगाई गई हैं। मुकदमा गौतमबुद्ध नगर पुलिस की ओर से ही दर्ज किया गया है। 'दो गाड़ियों की हुई भिड़ंत' पुलिस की ओर से आगे कहा गया कि नोएडा एक्सप्रेस-वे पर काफिले में शामिल दो गाड़ियों में टक्कर भी हो गई। इसके बाद यमुना एक्सप्रेस वे के जीरो प्वांइट पर काफिले को रोकने का प्रयास किया गया जहां पर कांग्रेस पार्टी के सदस्यों द्वारा पुलिस के साथ हाथापाई व धक्कामुक्की की गई। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी यमुना एक्सप्रेस वे पर अपने कार्यकर्ताओं के साथ पैदल चलने लगे, जिससे एक्सप्रेस वे पर दोनों तरफ जाम की स्थिति पैदा हो गई। इसमें कई एम्बुलेंस भी फंसे हुए थे। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मांगा यूपी सरकार से जवाब दूसरी ओर, हाथरस की घटना पर इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने स्वत: संज्ञान लिया है। कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के शीर्ष अफसरों को तलब किया है। अदालत ने गुरुवार को घटना पर चिंता व्यक्त करते हुए यूपी सरकार, शासन के शीर्ष अधिकारियों और हाथरस के डीएम और एसपी को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने पीड़िता के साथ हाथरस पुलिस के बर्बर, क्रूर और अमानवीय व्यवहार पर राज्य सरकार से भी प्रतिक्रिया मांगी है। पीठ इस मामले की सुनवाई 12 अक्टूबर को करेगी. न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की पीठ ने स्वत: संज्ञान लेते हुए यह आदेश दिया है।
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