पेरिस फ्रांस के राष्ट्रपति ने शनिवार को कहा है कि जो मुस्लिम के कार्टून को लेकर परेशान हैं, मैक्रों उनका सम्मान करते हैं लेकिन इस आधार पर हिंसा को सही नहीं ठहराया जा सकता है। देश में पिछले दो हफ्ते में हुए हमलों के बाद सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पेरिस में एक स्कूल टीचर के बाद नीस के चर्च में तीन लोगों की हत्या कर दी गई और शनिवार को लियोन में एक पादरी को गोली मार दी गई। फ्रांस में दोगुने सैनिक तैनात मैक्रों ने देश भर में तैनात सैनिकों की संख्या दोगुनी कर दी है। खासकर स्कूलों और पूजास्थलों के पास सैनिकों कौ तैनात किया गया है। साथ ही दूसरे इस्लामिक उग्रवादी हमलों की चेतावनी भी दी गई है। पैगंबर मोहम्मद के कार्टून को लेकर शुरू हुए विवाद के बाद दुनियाभर के मुस्लिमों, खासकर मुस्लिम देशों का निशाना बने मैक्रों ने अल जजीरा को इंटरव्यू देकर सफाई देने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि फ्रांस के मकसद को गलत समझा जा रहा है। 'झुकेगा नहीं फ्रास' मैक्रों ने साफ किया कि फ्रांस हिंसा के सामने झुकेगा नहीं और अभिव्यक्ति की आजादी की रक्षा करेगी, जिसमें कार्टूनों का छपना भी शामिल है। हालांकि, उन्होंने साफ किया कि इसका मतलब यह नहीं है कि वह या उनके अधिकारी कार्टून का समर्थन करते हैं जिन्हें मुस्लिम ईशनिंदा मानते हैं और न ही फ्रांस मुस्लिम विरोधी है। हिंसा स्वीकार नहीं मैक्रों ने कहा है, 'मैं समझता हूं और सम्मान करता हूं कि लोग इन कार्टूनों से परेशान हैं लेकिन मैं इस बात को स्वीकार नहीं करूंगा कि इनकी वजह से हिंसा की जा सकती है और मैं अपने देश के लिखने, सोचने और ड्रॉ करने के अधिकार की रक्षा करूंगा।' उन्होंने कहा है, 'मेरी भूमिका चीजों को शांत करने की है जो मैं कर रहा हूं लेकिन मुझे इन अधिकारों की रक्षा भी करनी है।'
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