हाथरस कांड पर देशभर के लोगों में आक्रोश, मोदी और स्मृति इरानी की चुप्पी पर उठे सवाल

नई दिल्ली/लखनऊ/हाथरस यूपी के हाथरस में दलित युवती के साथ निर्भया जैसी हैवानियत पर सियासत गरमा गई है। सोशल मीडिया पर लोगों का आक्रोश झलक रहा है। दिल्ली के जिस सफदरजंग अस्पताल में पीड़िता ने आखिरी सांस ली, उसके बाहर प्रदर्शन हुआ, कैंडल मार्च निकला। यूपी में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग हो रही है। कांग्रेस ने इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'खामोशी' पर सवाल उठाया है। राहुल गांधी ने तो यूपी में एक वर्ग विशेष का जंगलराज होने का आरोप लगाया है। समाजवादी पार्टी, बीएसपी, आम आदमी पार्टी, भीम आर्मी जैसे समेत तमाम राजनीतिक दल और संगठन बीजेपी सरकार के खिलाफ आक्रामक हैं। दूसरी तरफ स्थानीय प्रशासन ने मेडिकल रिपोर्ट्स के हवाले से युवती से गैंगरेप और उसके जीभ के काटे जाने को खारिज किया है। 'चुप क्यों मोदी? मनमोहन को चूड़ियां भेजने वाली नेता क्यों खामोश?' कांग्रेस ने पीड़ित लड़की की मौत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी की महिला नेताओं की 'खामोशी' को लेकर सवाल किया और आरोप लगाया कि योगी आदित्यनाथ सरकार में यह प्रदेश ‘अपराध का गढ़’ बन गया है। पार्टी ने यह भी कहा कि इस मामले में त्वरित न्याय सुनिश्चित होना चाहिए और शुरुआत में घटना को ‘आधिकारिक रूप से’ फर्जी खबर बताने के लिए बीजेपी सरकार को माफी मांगनी चाहिए। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया सुले ने सवाल किया, 'प्रधानमंत्री जी इस घटना पर चुप क्यों हैं? पूर्व में प्रधानमंत्री को चूड़ियां भेजने वाली महिला नेता खामोश क्यों हैं?' कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, 'योगी आदित्यनाथ सरकार को इसका जवाब देना होगा। मुख्यमंत्री पहले अपराध मुक्त उत्तर प्रदेश की बात करते थे, लेकिन राज्य को अपराध का गढ़ बना दिया है। उन्होंने कहा, 'इस मामले में जल्द न्याय मिलना चाहिए। आरोपियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए। पीड़िता का परिवार एक वंचित वर्ग से ताल्लुक रखता है, इसलिए उसे सहायता मिलनी चाहिए। घटना को आधिकारिक रूप से फर्जी खबर बताने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार को माफी मांगनी चाहिए।' 'निर्भया की तरह वो भी देश की बेटी थी, चुप क्यों हैं मोदीजी' पीएम मोदी के गृह राज्य गुजरात के कांग्रेस नेता अर्जुन मोढवाडिया ने तो दिसंबर 2012 के उनके पुराने ट्वीट को रीट्वीट करते हुए खामोशी पर सवाल उठाया। उन्होंने लिखा, 'आज हाथरस की जिस बेटी ने दम तोड़ा वह भी भारत की बेटी थी मोदीजी। आज कोई आक्रोश क्यों नहीं? सीएम योगी आज खामोश क्यों? स्मृति इरानी चुप क्यों?' दरअसल जब 2012 में निर्भया की मौत हुई थी तब गुजरात के मुख्यमंत्री रहे नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया था, 'भारत की बहादुर लड़की के निधन का समाचार सुनकर बहुत दुखी और विचलित हूं। उसके परिवार के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं।' स्मृति इरानी के पुराने बयान हो रहे वायरल हाथरस कांड के बाद केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी पर भी हमले तेज हो गए हैं। कांग्रेस ने सीधे-सीधे उन पर भी हमला बोला है। दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर इरानी का पुराने वीडियो वायरल हो रहे हैं, जब विपक्ष में रहते हुए उन्होंने महिलाओं के खिलाफ अपराधों के खिलाफ आवाज उठाई थी। यूजर उन वीडियो को शेयर कर सवाल उठा रहे हैं कि इरानी आज चुप क्यों हैं। 14 सितंबर को दरिंदगी, 29 को युवती ने तोड़ा दम 14 सितंबर को उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के चंदपा थाना क्षेत्र स्थित एक गांव में 19 साल की एक दलित लड़की के साथ कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म की वारदात हुई थी। पुलिस ने इस मामले में 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस अधीक्षक विक्रांतवीर के मुताबिक लड़की ने अपने साथ बलात्कार की वारदात के बारे में पुलिस को पहले कुछ नहीं बताया था मगर बाद में मैजिस्ट्रेट को दिए गए बयान में उसने आरोप लगाया कि संदीप, रामू, लव कुश और रवि नाम के आरोपियों ने उसके साथ गैंगरेप किया था। विरोध करने पर जान से मारने की कोशिश करते हुए उसका गला दबाया था। चारों आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पीड़ित परिवार का आरोप है कि आरोपी राजपूत समुदाय से हैं, इसलिए शुरुआत में केस तक दर्ज नहीं किया गया। युवती के पिता ने आरोपियों को फांसी देने की मांग की है। आक्रोश मंगलवार को दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल में पीड़िता की मौत के बाद दिल्ली से लेकर लखनऊ और हाथरस तक आक्रोश है। सोशल मीडिया पर भी लोग गम और गुस्से का इजहार कर रहे हैं। ट्विटर पर हाथरस कांड टॉप ट्रेंड कर रहा है और यूजर्स पीड़ित के लिए इंसाफ की मांग कर रहे हैं। यूपी में 'वर्ग विशेष' का जंगलराज: राहुल गांधी कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गांधी ने ट्वीट किया, 'उप्र के 'वर्ग-विशेष' के जंगलराज ने एक और युवती को मार डाला। सरकार ने कहा कि ये फेक न्यूज़ है और पीड़िता को मरने के लिए छोड़ दिया। ना तो ये दुर्भाग्यपूर्ण घटना फेक थी, ना ही पीड़िता की मौत और ना ही सरकार की बेरहमी।' प्रशासन बोला- नहीं हुआ था गैंगरेप दूसरी तरफ स्थानीय प्रशासन गैंगरेप और जीभ काटे जाने को खारिज कर रहा है। हाथरस के पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर के मुताबिक जबरदस्ती करने के दौरान लड़की का गला भी दबाया गया था जिससे उसकी जुबान बाहर आकर कट गई थी। दूसरी तरफ डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट प्रवीण कुमार लक्षकार ने एक बयान में बताया कि प्रशासन ने मृतका के परिवार को दस लाख रूपये देने की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि युवती की जांच में डॉक्टरों ने उससे बलात्कार न होने की पुष्टि की है। हाथरस में एहतियात के तौर पर जगह-जगह पीएसी तैनात कर दी गयी है। विपक्षी दलों ने योगी सरकार को घेरा समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी ट्वीट कर कहा 'हाथरस में सामूहिक दुष्कर्म और दरिंदगी की शिकार एक बेबस दलित बेटी ने आखिरकार दम तोड़ दिया। नम आंखों से पु्ष्पांजलि! आज की असंवेदनशील सत्ता से अब कोई उम्मीद नहीं बची।' बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने ट्वीट किया 'यूपी के हाथरस में सामूहिक दुष्कर्म के बाद दलित पीड़िता की आज हुई मौत की खबर अति दुखद। सरकार पीड़ित परिवार की हरसंभव सहायता करे व फास्ट ट्रैक अदालत में मुकदमा चलाकर अपराधियों को जल्द सजा सुनिश्चित करें, बसपा की यह मांग है।' आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद और प्रवक्ता संजय सिंह ने लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि हाथरस कांड की फास्ट ट्रैक अदालत से 6 माह के भीतर फैसला करवाया जाए और दोषियों को फांसी दी जाए। पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये और सुरक्षा दी जाए। बता दें कि स्थानीय प्रशासन ने पीड़ित परिवार के लिए 10 लाख रुपये आर्थिक सहायता का ऐलान किया है। यूपी में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रदेश में कानून-व्यवस्था हद से ज्यादा बिगड़ने और महिलाओं की सुरक्षा का नाम-ओ-निशान नहीं होने का आरोप लगाया। कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने इस घटना के विरोध में दिल्ली में विजय चौक पर प्रदर्शन किया। अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुष्मिता देव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कहा है कि प्रदेश की बदतर होती कानून-व्यवस्था के लिए मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए और राज्य में राष्ट्रपति शासन लगना चाहिए। (एजेंसियों से इनपुट के साथ)


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