Italian Coronavirus Vaccine by Reithera: इटली के वैज्ञानिकों का दावा है कि ReiThera की बनाई कोरोना वायरस वैक्सीन इस वायरस के सभी स्ट्रेन पर असरदार होगी। इसके आखिरी चरण के ट्रायल के नतीजे 6 महीने में आ जाएंगे।
जेनेवा
कोरोना वायरस का सबसे भयानक वार सबसे पहले झेलने वाले इटली ने अब उसके कोरोना वैक्सीन तैयार की है जिसके 2021 में आने की संभावना है। इसे बनाने वाले वैज्ञानिकों का दावा है कि यह कोरोना वायरस के अलग-अलग स्ट्रेन्स पर असरदार होगी। साल की शुरुआत में मार्च के दौरान इटली में तेजी से कोरोना इन्फेक्शन फैलने के साथ बड़ी संख्या में लोगों की मौत होने लगी थी। अब तक यहां 2.65 लाख कोरोना की चपेट में आ चुके हैं जबकि कुल 35.5 हजार लोगों की मौत हुई है।
अलग-अलग वायरस-स्ट्रेन पर असरदार
नैशनल इंस्टिट्यूट फॉर इन्फेक्शियस डिजीजेज के साइंटिफिक डायरेक्टर लजारो स्पलंजनी ज्युसेपी इपोलिटो ने स्पूतनिक को बताया है, 'ReiThera की बनाई और वायरल-वेक्टर पर आधारित इटली की वैक्सीन कैंडिडेट स्ट्रेन पर निर्भर नहीं करती है। यह अलग-अलग वायरसों या किसी वायरस के अलग-अलग स्ट्रेन पर असर कर सकती है।' साथ ही, उन्होंने यह भी बताया कि साइंटिफिक सबूतों के आधार पर यह कहा जा सकता है कि SARS-CoV-2 में होने वाले म्यूटेशन का खास असर नहीं होता है।
24 हफ्ते में फाइनल नतीजे
वैज्ञानिकों के मुताबिक वैक्सीन के पहले चरण के ट्रायल के नतीजे दो महीने बाद मिल जाएंगे जबकि फाइनल नतीजे अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक समुदाय के सामने रिसर्च प्रोटोकॉल के बाद 24 हफ्ते में रखे जाएंगे। इपोलिटो ने बताया कि इटली में तीन चरण के ट्रायल पूरे होने के बाद ही आम लोगों के लिए इसे अप्रूव किया जाएगा। तीसरे चरण के ट्रायल में वैक्सीन को ऐसे देशों में टेस्ट किया जाएगा जहां वायरस के ज्यादा केस हैं।
सभी ट्रायल के बाद सुरक्षा की पुष्टि
उन्होंने कहा है कि आबादी में सभी समूहों के लोगों के लिए सुरक्षा और इससे क्या साइड-इफेक्ट्स होते हैं, यहां तीनों चरण के ट्रायल पूरे होने के बाद ही पता लगेगा। उन्होंने उम्मीद जताई है कि देश की रेग्युलेटरी एजेंसी इटैलियन मेडिसिन्स एजेंसी से वैक्सीन को अप्रूवल मिल जाएगा। इपोलिटो ने यह भी कहा है कि यह अच्छी बात है कि दुनिया में कई वैक्सीनों का ट्रायल चल रहा है जिनमें अलग टेक्नॉलजी का इस्तेमाल किया गया है। इसलिए कई वैक्सीनें भी मिल सकती हैं जो किसी खास समुदाय के लिए बेहतर भी हो सकती हैं।
'वायरस को नहीं चाहिए वीजा'
इपोलिटो ने कहा है कि वैक्सीन को राजनीतिक हथियार या नए कोल्ड वॉर का डेटोनेटर नहीं बनन चाहिए। इटली का मानना है कि वैक्सीन सबके लिए है। ऐसी महामारी में कोई अकेले नहीं बचता है और देशों के बीच सीमाओं का मतलब ऐसे वायरस के सामने कुछ नहीं है जिसे एक-देश से दूसरे देश जाने के लिए न वीजा की जरूरत है न डॉक्युमेंट्स की। बता दें कि इटली ने अपनी वैक्सीन पर काम करने के साथ-साथ जर्मनी, फ्रांस और नीदरलैंड्स के साथ AstraZeneca से ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन की 4 करोड़ खुराकों के लिए डील की है।
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