
अभी गणेश उत्सव चल रहा है। 1 सितंबर तो गणेशजी की प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा। काफी लोगों के घर में एक से अधिक गणेश प्रतिमाएं रहती हैं। ध्यान रखें मंदिर भगवान गणपति की मूर्तियों की संख्या सम होनी चाहिए। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार घर के मंदिर में गणेशजी ही नहीं, अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियों की संख्या के बारे में भी नियम बताए गए हैं।

- गणेशजी की प्रतिमा सम संख्या में रखें
घर में बैठे हुए गणेशजी की मूर्ति रखना बहुत शुभ माना जाता है। लेकिन, ध्यान रखें कि घर के मंदिर में गणपतिजी की मूर्तियों की संख्या 3, 5, 7 या 9 जैसी विषम संख्या में नहीं होनी चाहिए। गणेशजी की 2, 4 या 6 जैसी सम संख्या में मूर्तियां रख सकते हैं।

अंगूठे के पहले भाग से बड़ा शिवलिंग न रखें
घर के मंदिर में छोटा सा शिवलिंग रखना चाहिए। घर के लिए शिवलिंग का आकार हमारे अंगूठे के पहले भाग से बड़ा नहीं होना चाहिए। शिवलिंग असीमित ऊर्जा का प्रतीक है, ये बहुत संवेदनशील माना जाता है। इसीलिए घर में ज्यादा बड़ा शिवलिंग नहीं रखना चाहिए। बड़ा शिवलिंग बड़े मंदिरों के लिए शुभ रहता है।

देवी दुर्गा की मूर्तियों की संख्या तीन न हो
घर के मंदिर में देवी दुर्गा की मूर्तियों की संख्या तीन नहीं होना चाहिए। आप चाहें तो तीन से कम या ज्यादा मूर्तियां रख सकते हैं।

हनुमानजी की एक ही मूर्ति रखें घर में
घर के मंदिर में हनुमानजी की एक ही मूर्ति रखनी चाहिए। मंदिर में बैठे हुए हनुमानजी की प्रतिमा रखें। श्रीराम के परम भक्त हनुमानजी ब्रह्मचारी हैं, इनके पूजा से जुड़े नियमों का सख्ती से पालन करना होता है। इसीलिए इनकी अधिक प्रतिमाएं घर में रखने से बचना चाहिए।

बाल गोपाल की एक मूर्ति रखें घर में
बाल गोपाल की भी एक ही मूर्ति घर में रखनी चाहिए। श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप की प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा करने की जरूरत नहीं होती है। लड्डू गोपाल की मूर्ति स्वयं सिद्ध मानी जाती है। इसे सीधे घर में स्थापित कर सकते हैं।

मंदिर में बहुत ज्यादा मूर्तियां रखने से बचें
घर में मंदिर में बहुत सारी मूर्तियां रखने से बचना चाहिए। सभी देवी-देवताओं की पूजा से जुड़े नियम अलग-अलग होते हैं। अगर पूजा में सभी नियमों का पालन नहीं हो पाता है तो पूजा सफल नहीं हो पाती है। इसीलिए मंदिर में ज्यादा मूर्तियां रखने से बचना चाहिए।
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