हॉन्‍ग कॉन्‍ग: अब US ने दिया चीन को बड़ा झटका

वॉशिंगटन भारत के बाद 59 चीनी ऐप पर बैन लगाने के बाद अब अमेरिका ने भी चीन को तगड़ा झटका द‍िया है। अमेरिका ने चीन के हॉन्‍ग कॉन्‍ग को लेकर राष्‍ट्रीय सुरक्षा कानून लाए जाने की घोषणा के बाद अब अमेरिकी मूल अत्‍याधुनिक रक्षा उपकरणों और तकनीकों के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने मंगलवार को इन प्रतिबंधों का ऐलान किया। पोम्पियो ने ट्वीट कर कहा, 'आज अमेरिका हॉन्‍ग कॉन्‍ग को रक्षा उपकरण और दोहरे इस्‍तेमाल में आने वाली संवेदनशील तकनीकों के निर्यात पर बैन लगाने जा रहा है। यदि पेइचिंग हॉन्‍ग कॉन्‍ग को एक देश, एक प्रणाली समझता है तो हमें भी निश्चित रूप से समझना होगा।' इससे पहले प्रेस ब्रीफिंग के दौरान भी अमेरिकी विदेश मंत्री ने चीन पर जमकर हमला बोला था। 'अमेरिका की राष्‍ट्रीय सुरक्षा की रक्षा के लिए लिया फैसला' अमेरिकी व‍िदेश मंत्री ने कहा, 'चीन की कम्‍युनिस्‍ट पार्टी के हॉन्‍ग कॉन्‍ग की स्‍वतंत्रता को खत्‍म करने के फैसले ने ट्रंप प्रशासन को हॉन्‍ग कॉन्‍ग को लेकर अपनी नीतियों को फिर मूल्‍यांकन करने का मौका दिया है। चूंकि चीन राष्‍ट्रीय सुरक्षा कानून को पारित करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, इसलिए अमेरिका हॉन्‍ग कॉन्‍ग को अमेरिकी मूल के रक्षा उपकरणों को रोक रहा है।' उन्‍होंने कहा कि यह फैसला अमेरिका की राष्‍ट्रीय सुरक्षा की रक्षा के लिए लिया गया है। पोम्पियो ने कहा कि हम अब यह भेद नहीं करेंगे कि ये उपकरण हॉन्‍ग कॉन्‍ग को निर्यात किए जा रहे हैं या चीन को। हम इस बात का खतरा नहीं उठा सकते हैं कि ये उपकरण और तकनीक चीन की सेना पीपल्‍स लिबरेशन के पास पहुंच जाएं जिसका मुख्‍य मकसद कम्‍युनिस्‍ट पार्टी की तानाशाही को किसी भी प्रकार से बनाए रखना है। चीन ने वीजा प्रतिबंध लगाने की दी चेतावनी उधर, चीन ने सोमवार को कहा कि वह हॉन्‍ग कॉन्‍ग से संबंधित मुद्दों पर 'गलत रुख' दिखाने वाले अमेरिकी अधिकारियों पर वीजा प्रतिबंध लगाएगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने अपनी दैनिक ब्रीफिंग में इसकी घोषणा की, लेकिन उन्‍होंने विस्तृत जानकारी नहीं दी। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इस कदम से केवल अमेरिकी सरकार के अधिकारियों को निशाना बनाया जाएगा या फिर निजी क्षेत्रों के अधिकारी भी निशाने पर होंगे। चीन ने यह बात ऐसे समय में कही है जब मंगलवार को उसके द्वारा हॉन्‍ग कॉन्‍ग के लिए लाए गए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को मंजूरी मिलने की पूरी संभावना है। आलोचकों का कहना है कि इस कानून से हॉन्‍ग कॉन्‍ग में विपक्ष की राजनीति और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सीमित हो जाएगी। इस मुद्दे पर अमेरिका का कहना है कि वह हॉन्‍ग कॉन्‍ग को दी गई अनुकूल व्यापारिक सुविधाओं को समाप्त करके इसका जवाब देगा। झाओ ने एक बार फिर चीन के रुख को दोहराते हुए कहा कि यह कानून पूरी तरह से चीन का आंतरिक मामला है और इसमें किसी भी देश को हस्तक्षेप का अधिकार नहीं है।


from World News in Hindi, दुनिया न्यूज़, International News Headlines in Hindi, दुनिया समाचार, दुनिया खबरें, विश्व समाचार | Navbharat Times https://ift.tt/38aaHsA
Previous Post Next Post