चीन की हरकत पर शाह, हल्के में नहीं ले रहे

नई दिल्ली मई के पहले हफ्ते से ही लद्दाख बॉर्डर में भारत और चीन के बीच तनाव चल रहा है। भारत और चीन के सैनिक आमने-सामने डटे हुए हैं। चीन कई बार भारतीय सीमा में दखलंदाजी करने की कोशिश करता है पर भारतीय सेना के जवान उसकी हर कोशिश को नाकाम कर रहे हैं। उधर, कांग्रेस का आरोप है कि केंद्र सरकार खुलकर इस मुद्दे पर सामने नहीं आ रही है। जबकि सरकार को जनता को स्पष्ट बताना चाहिए कि एलएसी पर क्या हो रहा है। इन सबके बीच गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि वह इस मुद्दे को हल्के में नहीं ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह भारतीय सीमाओं के साथ कभी समझौता नहीं करेंगे। हल्के में नहीं ले सकता कोई भी देश: शाहएक निजी न्यूज चैनल से बातचीत करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, 'LAC पर तनातनी के स्वभाव को कोई सार्वभौम राष्ट्र हल्के में नहीं ले सकता। हमारी डिप्लोमेटिक और सैनिक स्तर पर बातचीत जारी है लेकिन एक बात मैं स्पष्ट कर दूं कि नरेन्द्र मोदी सरकार हमारी सीमाओं को लेकर कोई समझौता नहीं करेगी और हम इसके लिए अडिग खड़े रहेंगे।' यह पूछे जाने पर कि क्या तमाम संबंध सुधारने की कोशिशों के बाद भी चीन की इस हरकत से आप नाराज हैं, तो केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि हमें इसकी जरूरत नहीं है। कांग्रेस का सवाल, सरकार मौन क्यों? इससे पहले सोमवार को दिन में कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने लद्दाख के कुछ इलाकों में चीन के सैनिकों की कथित घुसपैठ से जुड़ी खबरों का हवाला देते हुए सवाल किया कि इस मामले पर मोदी सरकार मौन क्यों बैठी है? उन्होंने वीडियो लिंक के माध्यम से पत्रकारों से कहा, ‘भारत की सुरक्षा व क्षेत्रीय अखंडता से कोई समझौता स्वीकार नहीं किया जा सकता। लेकिन भारत-चीन सीमा पर स्थिति को लेकर जो खबरें आ रही हैं वो चिंताजनक हैं।’ सुरजेवाला ने कहा, ‘चीनी सेना द्वारा लद्दाख और सिक्किम में तीन स्थानों पर भारतीय सीमा में घुसपैठ समाचार पत्रों की सुर्खियां बनी हुई है। कथित तौर से ये घुसपैठ लद्दाख में गलवान नदी घाटी और पैंगोंग झील के इलाके में हुई है। खबरों के मुताबिक चीनी सेना के हजारों सैनिकों ने गलवान घाटी और पैंगोंग झील इलाके (लद्दाख) में घुसपैठ कर हमारी भूभागीय अखंडता पर अतिक्रमण का दुस्साहस किया है।’ उनके मुताबिक सुरक्षा विशेषज्ञों और सेना के जानकारों की मानें तो गलवान घाटी में चीन की घुसपैठ से ‘डर्बुक-श्योक-डीबीओ रोड’ को खतरा उत्पन्न हो जाएगा, जो उत्तर के इलाके में तथा काराकोरम दर्रा के नजदीक भारतीय सेना को रसद व सभी प्रकार के सैन्यसाजो सामान पहुंचाने के लिए सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। चीन की नापाक हरकतहाल में पता चला है कि करीब 100-150 किलोमीटर दूर स्थित बेस में चीन ने 10-12 फाइटर एयरक्राफ्ट तैनात किए हैं। भारतीय सेना इन फाइटर एयरक्राफ्ट्स (J-11 और J-7) के मूवमेंट पर नजर गड़ाए हुए है, जो होतों और गागुंसा बेस में हैं। सूत्रों के अनुसार ये 10-12 एयरक्राफ्ट भारतीय सीमा के नजदीक उड़ान भरते भी दिख रहे हैं। सेना चीनी विमानों की हर गतिविधि पर नजर गड़ाए हुए हैं। चीनी विमान 10 किलोमीटर वाली सीमा से दूर रहेबताया जा रहा है कि उनके एयरक्राफ्ट लद्दाख इलाके में सीमा से 30-35 किलोमीटर के करीब उड़ान भरते दिख रहे हैं। हालांकि, अंतराष्ट्रीय नियम हैं कि सीमा से 10 किलोमीटर के अंदर कोई विमान नहीं आ सकता और चीनी विमान उस सीमा से दूर ही उड़ान भर रहे हैं। मई में भी हुआ था टकरावमई में जब भारतीय सेना और चीनी सेना के चौपल के बीच टकराव की स्थिति बन रही थी तो भारतीय सेना ने सुखोई-30 एमकेआई को तैयार कर लिया था। सूत्रों के अनुसार पिछले साल भी 6 पाकिस्तानी जेएफ-17 एयरक्राफ्ट का मूवमेंट देखा गया था, जो पीओके के स्कार्डु से उड़ा था और होतों में जाकर उसने शाहीन-8 नाम की एक एक्सरसाइज में हिस्सा लिया था।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi https://ift.tt/3dq44Ed
Previous Post Next Post