चेन्नै तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के कानूनी वारिस को लेकर तो फैसला हो गया है लेकिन उनकी संपत्ति का उचित बाजार मूल्य क्या है, इसे लेकर मद्रास उच्च न्यायालय के सामने तीन आंकड़े पेश किए गए हैं। जयललिता के कानूनी उत्तराधिकारी जे दीपा और जे दीपक ने कहा कि उनकी आंटी की संपत्ति का कुल मूल्य 188 करोड़ रुपये था। वहीं एआईएडीएमके के दो पदाधिकारी जो कि प्रशासक बनना चाहते थे, उन्होंने अदालत को बताया कि तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री की संपत्ति 913.13 करोड़ रुपये कीमत की थी। बहस के दौरान उन्होंने कहा कि संपत्ति का मूल्य 1,000 करोड़ रुपये से अधिक होगा। ये आंकड़े केवल उन चीजों से संबंधित हैं जो जयललिता ने 1991 से 1996 के बीच हासिल की थीं। जयललिता का पसंदीदा समर रिट्रीट, कोडानाड एस्टेट, एक टेस्ट केस है। 900 एकड़ में बने इस एस्टेट को 1992 में खरीदा गया था, लेकिन अब यह अपने मूल आकार से दोगुना हो गया है। किसके नाम पर नया हिस्सा रजिस्टर्ड है, क्या जोड़े गए हिस्से का रजिस्ट्रेशन कराया गया था, इन सवालों के जवाब खोजे जा रहे हैं। टी एस्टेट का वर्तमान मार्केट प्राइस एक करोड़ रुपये प्रति एकड़ है। करप्शन केस में दोषी निकले थे पार्टनर्स 173 संपत्तियों की एक सूची में, जयललिता का नाम कम से कम 100 डीड्स में है। इनमें से जिन कंपनियों में शशिकला पार्टनर थीं, उन कंपनियों से अपना हिस्सा अलग करना जयललिता के कानूनी उत्तराधिकारियों के लिए आसान नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट ने जयललिता के सभी सह-आरोपियों - शशिकला, जे इलवरसी और वी एन सुधागरन को एक भ्रष्टाचार के मामले में दोषी ठहराया है। गोल्ड और डायमंड जूलरी जिसका मूल्य 1996 में 5.53 करोड़ रुपये था, उसे हासिल करने के लिए भाई-बहन की जोड़ी को कर्नाटक की विशेष अदालत का दरवाजा खटखटाना होगा।
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